बात करते हैं अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की जिसमें चुनाव और नतीजों से पहले ही तय हो गया है कि अमेरिका में आएगा तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त ही अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव अभी प्राइमरी दौर में चल रहा है लेकिन लगातार चार राज्यों में जीत के बाद रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी की रेस में डोनाल्ड ट्रंप काफी आगे हो गए हैं और ऐसे में उनका मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति और डेमोक्रेट उम्मीदवारी की रेस में काफी आगे चल रहे जो बाइड से होना तय ह
और दोनों ही नेता चाहे एक दूसरे से कितने भी अलग हो लेकिन दोनों में एक बात एक जैसी है दोनों ही भारत के प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे दोस्त हैं अमेरिका में दुश्मन नंबर एक राष्ट्रपति जो बाइड और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त नंबर वन है चाहे ट्रंप का शासनकाल हो या फिर जो बाइड का अमेरिका की भारत के साथ दोस्ती मजबूत से मजबूत होती जा रही है इधर अमेरिका में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी चुनाव आगे बढ़ रहे हैं दूसरी ओर अमेरिका में एक बार फिर से मोदी के दो दोस्तों के बीच राष्ट्रपति पद के लिए टक्कर लगभग तय हो गई है डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी में राष्ट्रपति जो वाइडन के आसपास कोई भी नजर नहीं आ रहा और डोनाल्ड ट्रंप भी अपने प्रतिद्वंदिता बना चुके हैं फिलहाल बड़े राज्य दक्षिण कैरोलिना में रिपब्लिकन उम्मीदवारी की रेस में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज करके अपनी उम्मीद दरी लगभग पक्की कर ली ट्रंप ने दक्षिण कैरोलिना में निक्की हेली को हरा दिया है ट्रंप ने लगातार चौथे राज्य में बड़ी जीत दर्ज की है ऐसे में ट्रंप का रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनना लगभग तय हो चुका है ट्रंप के सामने निक्की हेली सबसे बड़ी चुनौती है और अभी तक ट्रंप को बानवे और हेली को सिर्फ 17 डेलिगेट्स का समर्थन मिल पाया है अब डोनाल्ड ट्रंप सुपर ट्यूजडे में मुकाबला करने जाएंगे वहीं निकी हेली जो 2011 से 2017 तक साउथ कैरोलिना की गवर्नर रह चुकी हैं उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को जीत के लिए बधाई दी है लेकिन हार नहीं बांधते हुए अपना अभियान जारी रखने का ऐलान किया है इस बीच अमेरिका की जनता के साथ-साथ शायद रिपब्लिकंस और डेमोक्रेट दोनों को इस बात का अंदाजा हो चुका है कि इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 81 साल के जो बाइड और 77 साल के डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने तय हो चुके हैं यही वजह है जो बाइड और डोनाल्ड ट्रंप भी अपने भाषणों में एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं किसी दूसरे प्रत्याशी की दोनों नेता बात ही नहीं कर रहे बाइड कैपिटल हिल की हिंसा को आज तक अमेरिकी लोगों को याद दिलाते रहते हैं वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा कर दिया है अगर जो बाइड दोबारा सत्ता में आए तो अमेरिका को बर्बाद होने से कोई रोक नहीं सकता ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे को अमेरिका में हवा दी है जिस पर उनको बड़ा समर्थन भी मिल रहा है चलिए अब आप यह समझिए क्यों कहा जा रहा है बाइडर आए या ट्रंप अमेरिका को भारत के साथ जरूर चाहिए दरअसल भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ बड़ा बाजार भी है और 2023 में भारत और अमेरिका के बीच 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कारोबार हुआ है वहीं भारत चीन के खिलाफ अमेरिका का बड़ा सहयोगी देश है भारत और अमेरिका बड़े रणनीतिक साझेदार भी हैं और क्वाड में भी जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत और अमेरिका एक दूसरे के सहयोगी हैं बाइड आते हैं तब भी भारत के अमेरिका से रिश्ते अच्छे हैं अच्छे चलेंगे परंतु ट्रंप के आने से शायद भारत की गति भारत अमेरिका के रिश्तों की गति और भारत की अपनी ग्रोथ की गति अमेरिका के मदद से और ज्यादा तेज हो जाएगी निस्बत की अगर बाइड आता है तो तो फि हाल सुपर पावर अमेरिका के चुनावों पर दुनिया भर की निगाह हैं यह चुनाव धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं लेकिन भारत के लिए अमेरिका की नई सरकार को लेकर चिंता इसलिए भी नहीं है क्योंकि अमेरिका में चुनाव कोई भी जीते आएगा तो मोदी का दोस्त ब्यूरो रिपोर्ट ज मडिया तो यह तो तय है कि अमेरिका में आएगा तो प्रधानमंत्री मोदी का दोस्त ही लेकिन अमेरिका में जटिल चुनाव कैसे होते हैं यह भी हम आपको समझाते हैं अभी अमेरिकी चुनाव की शुरुआत में प्रत्याशी एक समिति बनाते हैं जो उनके लिए जंदा इकट्ठा करने और प्रत्याशियों के सपोर्ट में जनता के मूड को भाप का काम करते हैं इसके बाद प्राइमरी की शुरुआत होती है जिसमें अमेरिका के रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी अपने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी करते हैं और दूसरे दौर में सबसे पहले पार्टी प्रतिनिधियों का चुनाव होता है 50 राज्यों में वोटर इन प्रतिनिधियों को चुनने का काम करते हैं पार्टियों के चुने हुए प्रतिनिधि पार्टी के सम्मेलनों में हिस्सा लेते हैं इसी दौर में नामांकन की प्रक्रिया होती है सम्मेलन में यह प्रतिनिधि पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं तीसरे दौर में पार्टियों के चुने प्रत्याशी चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हैं और टेलीविजन पर डेमोक्रेट और रिपब्लिक प्रत्याशियों के बीच में बहस होती है इसके बाद स्विंग स्टेटस जहां पर रुझान किसी भी पार्टी की तरफ झुक सकता है प्रचार किया जाता है अंतिम प्रक्रिया में राज्यों के मतदाता इलेक्टर चुनते हैं एक इलेक्टर एक इलेक्टोरल कॉलेज बनाता है और इलेक्टोरल कॉलेज के 538