इस बात से रूस भली भाती परिचित है कि भारत ने डायरेक्टली और इनडायरेक्टली मैं बोट डायरेक्टली और इनडायरेक्टली बोल रहा हूं भारत ने डायरेक्टली और इनडायरेक्टली रूस के लिए पूरी दुनिया से पंगा ले लिया भारत के ऊपर बहुत प्रेशर है ये सिर्फ तेल खरीदने तक महदूद नहीं है या सिर्फ s400
खरीदने तक ये लिमिटेड नहीं है नो नॉट एट ऑल ये दोस्तों ये कहानी कहीं और जा रही है ये जो मैटर है यह कहीं और जा रहा है ठीक है अब जैसे भारत ने तेल लिया ठीक है मना करा ओके है उस समय यूरोप भी ले रहा था भारत s400 बार पहले से हमने पैसे दे दिए थे भाई तो पै लेंगे ना हमें क्या पता था यूक्रेन का युद्ध हो रहा है जब हम पैसे तो हमने पहले ही दे दिए थे तो ये बात भी है लेकिन जब भी रशिया को कंडेम करने वाली बात आई जब भी यह बात आई कि अब रूस को कंडेम करें इंडिया ने मना कर दिया जब भी ऐसी कोई स्विटजरलैंड टाइप के पीस समिट हुए उसमें जो सबका एक जॉइंट स्टेटमेंट हुआ राइट वो मना कर दिया इंडिया ने साइन करने के लिए इंडिया ने पब्लिकली यूक्रेन की साइड नहीं ली तो रूस को पता है इस चीज की रूस भी वैल्यू करता है कि एक ऐसा पार्टनर है जिसको सब पसंद करते हैं और वो कहीं ना कहीं हमारे लिए एक दिल में जो है ना सॉफ्टनेस एक सॉफ्ट कॉर्नर रखता है
