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Farmers Protest 14th Day: हरिद्वार से दिल्ली तक आज ट्रैक्टर श्रृंखला बनाएंगे किसान, क्या कुछ

देर रात जेसीबी का यह एक्शन किसी अवैध अतिक्रमण पर नहीं है बल्कि प्रदर्शन कार्यों को रोकने के लिए बनाए गए सीमेंट के बैरिकेड पर है तस्वीरें सिंघु बॉर्डर की है जहां देर रात प्रशासन 

ने बैरिकेडिंग हटाई दरअसल सिंघु बॉर्डर पिछले किसान आंदोलन का केंद्र था और इस बार जब प्रदर्शनकारियों नेने दिल्ली कूछ का ऐलान किया तो सरकार ने स्थिति को भांपते हुए एहतियातन सिंघु बॉर्डर को सील कर दिया था हालांकि पंजाब से निकले प्रदर्शनकारी हरियाणा में भी दाखिल नहीं हो पाए और बीते 24 दिनों से शंभू बॉर्डर पर ही डटे हुए हैं और दिल्ली कुछ फिलहाल नारे तक ही सीमित है ऐसे में हालात को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर का एक हिस्सा खोल दिया है वहीं आज उत्तर प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन होने वाला है भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ट्रैक्टर श्रृंखला निकालने का ऐलान किया है किसान आज हरिद्वार से दिल्ली तक ट्रैक्टर श्रृंखला बनाएंगे इस दौरान पूरे हाईवे पर ट्रैक्टरों को दिल्ली की तरफ मुंह करके खड़ा करेंगे किसान हाईवे पर एक तरफ ट्रैक्टर खड़े करेंगे जबक दूसरी तरफ आवाजाही जारी रहेगी रणनीति तो 26 26 27 तारीख का तो ट्रैक्टर है दिल्ली की तरफ को सब ट्रैक्टर के जो मुह है दिल्ली की तरफ रंगे और कभी भी कुछ भी निर्णय लेना पड़ सके और हम तो यही कह रहे सरकार इस बात को नि मटा अच्छी तरह से बात करे किसानों के साथ में किसान अता है देश का किसान एक है इनके साथ में खिलवाड़ ना करें बदा मजाक ना करें दिल्ली हरिद्वार नेशनल हाईवे से गुजरने वाले लोगों को आज परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है खासकर पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है वहीं शंभू बॉर्डर पर तैनात प्रदर्शनकारियों ने डब्ल्यूटीओ यानी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन का पुतला फूंकने का ऐलान किया है जिसमें पंजाब के किसान भी शामिल है 26 को हम लोग पूरे पूरे भारत को आहवान कर रहे हैं हर गली कूचे गांव में डब्ल्यूटीओ और कार्पोरेट के अर्थ फूक दहन किए जाने चाहिए कल सुबह 26 को और 26 को दोपहर बाद हम लोग दोनों बॉर्डर के ऊपर 20 फुट से बड़े जो बड़े पुतले बनाएंगे उन पुतलों का दहन किया जाएगा भारत 1995 से ही वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य है लेकिन किसान एसपी पर कानूनी गारंटी के साथ डब्ल्यूटीओ से भी भारत के अलग होने की मांग कर रहे हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि डब्ल्यूटीओ किसानों या स्थानीय उत्पादकों को दिए जाने वाले सरकारी सब्सिडी को गलत मानता है डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों को अपने किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को सीमित करने की सलाह देता है डब्ल्यूटीओ के मुताबिक अधिक सब्सिडी देने से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ता है जिस वक्त प्रदर्शनकारियों ने डब्ल्यूटीओ के खिलाफ हल्ला बोल रखा है उस वक्त य एई में डब्ल्यूटीओ की मंत्र स्तरीय बैठक आज से ही शुरू हो रही है जो 29

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