तो वाराणसी के ज्ञानवापी केस पर इस समय का एक बड़ा अपडेट आपको बता रहे हैं इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका जो इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की
गई थी उसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है व्यास तहखाने में पूजा पर रोक लगाने के लिए यह अपील दाखिल की गई थी जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए इंकार कर दिया है कि पूजा पर किसी तरीके की रोक नहीं होगी तो व्यास तहखाने में पूजा बरकरार रहेगी 31 जनवरी 2024 को जिला जज वाराणसी की तरफ से यह फैसला दिया गया था और साथ ही अगले दिन पूजा भी हो गई थी और व्यास परिवार का जो अधिकार है उसे बरकरार रखते हुए यह फैसला सामने आया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी और देखिए तीन तस्वीरें आपको दिखा रहे हैं इलाहाबाद हाई कोर्ट का जो बड़ा फैसला आया है वह महत्त्वपूर्ण फैसला है ज्ञानवापी केस का जिसमें पूजा पर किसी तरीके की रोक से इंकार किया गया है 17 जनवरी को जो रिसीवर नियुक्त किया गया था उसे चुनौती दी गई थी अंजुमन इंतजाम कमेटी और मुस्लिम पक्ष की तरफ से साथ ही 31 जनवरी का जो फैसला आया था पूजा को लेकर उस पर भी रोक लगाने की अपील की गई थी लेकिन इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी यह भी कहा गया है और साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किया गया है हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत इस केस में हुई है आज माननी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जो अंजुमन इंतजाम की दोनों याचिकाएं थी फर्स्ट अपील फ्रॉम ऑर्डर जिसमें उन्होंने 17 जनवरी के ऑर्डर को चैलेंज किया था और 31 जनवरी के ऑर्डर को चैलेंज किया था आज वो दोनों याचिकाएं माननीय लाबाद हाई कोर्ट ने डिस्मिस कर दी हैं तो इसका अर्थ यह है इसका निष्कर्ष यह है कि जो पूजा वहां पर चल रही है वो नियमित रूप से चलती रहेगी अब यह कहा जाए कि हाई कोर्ट ने रोक नहीं लगाया व सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं तो क्या आप कैबिनेट दाखिल करने वाले जी बिल्कुल हम लोग सुप्रीम कोर्ट में कैट दाखिल करेंगे और सुप्रीम कोर्ट में अगर व आएंगे तो